DA Hike 2025: 57.47% Dearness Allowance से बढ़ेगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी

Published On: June 26, 2025
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DA Hike 2025

DA Hike 2025 – अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं या पेंशनभोगी हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। जुलाई 2025 से एक बार फिर महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बढ़ोतरी की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इस बार यह बढ़ोतरी 4 प्रतिशत तक हो सकती है जिससे DA की दर 54% से बढ़कर 58% तक पहुंच सकती है।

जैसे-जैसे महंगाई का स्तर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे सरकार को भी अपने कर्मचारियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए DA में संशोधन करना पड़ता है। इस बार भी AICPI (All India Consumer Price Index) के ताज़ा आंकड़े यही इशारा कर रहे हैं कि जुलाई में DA हाइक लगभग तय है।

क्या है महंगाई भत्ता और क्यों होता है जरूरी?

महंगाई भत्ता केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाला वो अतिरिक्त पैसा है, जो उन्हें बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए दिया जाता है। चूंकि रोजमर्रा के खर्चे जैसे खाने-पीने की चीज़ें, ट्रांसपोर्ट, बिजली, दवा वगैरह लगातार महंगी होती जा रही हैं, ऐसे में DA का मकसद होता है कर्मचारियों की “क्रय शक्ति” (purchasing power) को बरकरार रखना।

कितना बढ़ सकता है DA?

मौजूदा समय में DA की दर 54% है। लेकिन जनवरी से अप्रैल 2025 तक के AICPI इंडेक्स के अनुसार, अब तक DA का आंकड़ा 57.47% तक पहुंच गया है। अगर मई और जून 2025 के आंकड़े भी इसी तरह बढ़ते रहे, तो सरकार जुलाई में DA को 4% तक बढ़ाकर 58% करने का फैसला ले सकती है।

हालांकि इसका फाइनल फैसला जुलाई के आखिरी हफ्ते या अगस्त की शुरुआत में होगा, लेकिन ऑफिशियल घोषणा सितंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में हो सकती है।

DA बढ़ेगा तो कितनी बढ़ेगी सैलरी?

अगर DA 4% बढ़ाया जाता है, तो कर्मचारियों की मासिक सैलरी में अच्छा खासा इज़ाफा होगा। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹30,000 है, तो 4% बढ़ने पर DA ₹1200 तक बढ़ सकता है। इसके साथ-साथ बाकी के भत्तों पर भी असर पड़ेगा क्योंकि कई भत्ते भी मूल वेतन और DA से जुड़े होते हैं।

इसके अलावा सरकार DA बढ़ने के साथ-साथ बकाया एरियर (Arrears) भी एक साथ देती है, यानी पिछले महीनों का फर्क भी आपको एक बार में मिल सकता है।

पेंशनर्स के लिए भी राहत

DA में होने वाली इस बढ़ोतरी का फायदा केवल मौजूदा कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि पेंशनभोगियों को भी मिलेगा। पेंशनर्स को इसे Dearness Relief (DR) के रूप में दिया जाता है। जो रेट कर्मचारियों को DA के तौर पर मिलती है, वही रेट पेंशनर्स को DR के रूप में मिलती है।

इससे पेंशनर्स की मासिक पेंशन में भी सुधार होगा और खासतौर पर उन बुजुर्ग पेंशनर्स को राहत मिलेगी जो स्वास्थ्य सेवाओं और ज़रूरी चीज़ों पर ज्यादा खर्च करते हैं।

DA बढ़ोतरी की प्रक्रिया कैसी होती है?

DA को बढ़ाने की प्रक्रिया एक तय प्रक्रिया के तहत होती है:

  1. AICPI डेटा हर महीने सरकार के पास पहुंचता है।
  2. जनवरी-जून और जुलाई-दिसंबर – ये दो छमाही होती हैं जिसमें DA का फैसला होता है।
  3. आंकड़ों के आधार पर वित्त मंत्रालय प्रस्ताव तैयार करता है।
  4. प्रस्ताव को फिर कैबिनेट कमेटी पास करती है।
  5. उसके बाद होता है ऑफिशियल नोटिफिकेशन, और कर्मचारियों के खाते में DA बढ़ा हुआ ट्रांसफर कर दिया जाता है।

DA मर्जर और 8वें वेतन आयोग की चर्चा

एक नियम के अनुसार, जब DA की दर 50% के पार पहुंच जाती है, तो उसे मूल वेतन में मर्ज (DA Merger) कर दिया जाता है। यानी अब जो आपका मूल वेतन है, उसमें DA जोड़कर एक नया बेसिक तय किया जाता है।

हालांकि अब DA 54% को पार कर चुका है, लेकिन अभी तक मर्ज नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि सरकार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ DA को मर्ज करने का फैसला ले सकती है।

इससे न सिर्फ वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव होगा, बल्कि HRA, TA, मेडिकल भत्ता जैसी सभी सुविधाएं नए मूल वेतन के आधार पर तय होंगी – जिससे कर्मचारियों को हर मोर्चे पर फायदा मिलेगा।

सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार की रणनीति

कर्मचारियों को DA में हर बार कुछ प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद रहती है, लेकिन इस बार हालत थोड़ी बेहतर नजर आ रही है। सरकार भी इस बात को समझती है कि महंगाई का सीधा असर आम जनता के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों पर भी पड़ता है।

इसलिए उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बार भी उदार रुख अपनाते हुए कम से कम 4% की वृद्धि को मंजूरी देगी।

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए हर छमाही में DA हाइक की खबर राहत लेकर आती है। इस बार भी आंकड़े और ट्रेंड यही कह रहे हैं कि DA 58% तक पहुंच सकता है। यह न सिर्फ सैलरी में सुधार लाएगा, बल्कि कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ाएगा।

सरकार से सभी की यही उम्मीद है कि वह समय पर घोषणा करे और बकाया एरियर के साथ DA लागू करे ताकि त्योहारों के समय कर्मचारियों को एक आर्थिक बूस्ट मिल सके।

sapan singh

Sapan Singh is the founder of bluelog.in, where he combines his passion for web development with his love for sharing knowledge. With a strong academic background in BCA and MCA, Sapan specializes in creating dynamic, user-friendly websites and applications that cater to the unique needs of clients and their audiences. Beyond development, Sapan is dedicated to staying ahead of the curve by constantly learning new technologies and trends. As a blogger, he shares his insights and experiences, helping others navigate the ever-evolving world of web development. His journey is one of continuous innovation, learning, and contributing to the tech community

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