Birth Certificate in 7 days: अस्पताल से डिस्चार्ज से पहले मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र

Published On: June 30, 2025
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भारत सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब बच्चे के जन्म के 7 दिन के अंदर Birth Certificate in 7 days यानी जन्म प्रमाण पत्र परिवार को मिलना अनिवार्य हो गया है। यह नियम खासकर उन अस्पतालों के लिए लागू है, जहाँ संस्थागत प्रसव होते हैं और जो देश के कुल जन्मों का आधा या उससे ज्यादा हिस्सा संभालते हैं।

सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) के जरिए इस दिशा में सख्त कदम उठाया है ताकि बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र का इंतजार खत्म हो सके और परिवारों को जरूरी दस्तावेज समय पर मिल सकें। अब अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले ही माता-पिता को बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा।

Birth Certificate in 7 days क्यों जरूरी?

आज के डिजिटल और आधुनिक भारत में जन्म प्रमाण पत्र सिर्फ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि बच्चों के लिए कई सरकारी सेवाओं तक पहुंच का आधार बन चुका है। बिना जन्म प्रमाण पत्र के बच्चे का स्कूल में दाखिला, टीकाकरण, पासपोर्ट बनवाना, बैंक खाता खुलवाना और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए Birth Certificate in 7 days का नियम बच्चों के अधिकारों और सुविधाओं को सुरक्षित करने के लिए बेहद आवश्यक है।

नया नियम और अधिनियम

यह नया नियम ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969’ (RBD Act) की धारा 12 के तहत लागू किया गया है। 2023 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया, जिसके बाद सभी राज्यों को अपने जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन सिस्टम को केंद्र सरकार के डिजिटल पोर्टल से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया। इस बदलाव का मकसद था पूरे देश का डेटा एक जगह सुरक्षित रखना और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना।

अब अस्पतालों को 7 दिनों के अंदर जन्म प्रमाण पत्र जारी करना होगा, जो डिजिटल फॉर्मेट में भी उपलब्ध होगा और परिवार चाहे तो हार्ड कॉपी भी ले सकता है। इससे ना केवल दस्तावेजों की उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि सरकारी प्रक्रियाओं में तेजी भी आएगी।

अस्पताल से ही मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र

पहले माता-पिता को जन्म प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम, पंचायत या संबंधित कार्यालय जाना पड़ता था। इसके लिए कई बार घंटों या दिनों तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब अस्पतालों को ही रजिस्ट्रेशन यूनिट मान लिया गया है, जहाँ बच्चे के जन्म के साथ ही उसका रिकॉर्ड डिजिटल पोर्टल पर दर्ज होगा और डिस्चार्ज के समय जन्म प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

यह व्यवस्था लाखों परिवारों की भागदौड़ को कम करेगी और दस्तावेज़ प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाएगी।

डिजिटल इंडिया की मजबूती

इस फैसले से भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को भी मजबूती मिली है। अब सभी जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड केंद्र सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज होंगे। ये डेटा आगे नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR), वोटर ID, राशन कार्ड और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ा रहेगा, जिससे कई बार दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत खत्म हो जाएगी।

मार्च 2025 में RGI कार्यालय ने सभी अस्पतालों को पहले ही चेतावनी दी थी कि वे जन्म-मृत्यु की जानकारी 21 दिनों के भीतर दर्ज करें। पर कई अस्पताल इसे पूरा नहीं कर रहे थे। इसलिए अब 7 दिनों के भीतर Birth Certificate in 7 days जारी करने का आदेश जारी किया गया है, जिससे सिस्टम और भी पारदर्शी और जवाबदेह बनेगा।

जन्म प्रमाण पत्र मिलने से क्या फायदे होंगे?

  • स्कूल में दाखिला: बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र दाखिला प्रक्रिया में जरूरी होता है। समय पर मिलने से दाखिला जल्दी होता है।
  • टीकाकरण: सरकारी टीकाकरण योजनाओं में शामिल होने के लिए भी बर्थ सर्टिफिकेट जरूरी होता है।
  • पासपोर्ट और बैंकिंग: पासपोर्ट बनवाने और बैंक खाते खोलने के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य दस्तावेज होता है।
  • सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी लाभ जैसे राशन कार्ड, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं आदि के लिए यह जरूरी है।
  • कानूनी सुरक्षा: बच्चे की जन्म तिथि का आधिकारिक रिकॉर्ड बनता है जो भविष्य में कई मामलों में काम आता है।

प्रक्रिया आसान, पारदर्शी और त्वरित

अब अस्पतालों से डिस्चार्ज के समय ही जन्म प्रमाण पत्र मिलने से परिवारों को किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। डिजिटल रजिस्ट्रेशन के कारण रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे और गलतफहमी या दस्तावेज़ खोने का खतरा नहीं रहेगा।

सरकार की यह पहल खास तौर पर ग्रामीण और कम विकसित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बहुत राहत की बात है, जहाँ पहले दस्तावेज़ लेने में महीनों लग जाते थे।

निष्कर्ष:
Birth Certificate in 7 days का यह नया नियम भारत में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासनिक प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे लाखों परिवारों को सुविधा मिलेगी और सरकारी सेवा प्रणाली ज्यादा पारदर्शी बनेगी।

ध्यान रखें कि जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट या संबंधित कार्यालय से नवीनतम जानकारी अवश्य लें।वेबसाइट या कार्यालय से नवीनतम जानकारी अवश्य लें।

sapan singh

Sapan Singh is the founder of bluelog.in, where he combines his passion for web development with his love for sharing knowledge. With a strong academic background in BCA and MCA, Sapan specializes in creating dynamic, user-friendly websites and applications that cater to the unique needs of clients and their audiences. Beyond development, Sapan is dedicated to staying ahead of the curve by constantly learning new technologies and trends. As a blogger, he shares his insights and experiences, helping others navigate the ever-evolving world of web development. His journey is one of continuous innovation, learning, and contributing to the tech community

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