Diwali Puja Muhurat 2025: दीपावली, जिसे रोशनी का पर्व कहा जाता है, हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है। 2025 में दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस लेख में हम जानेंगे दिवाली 2025 के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और विशेष योग।
दिवाली 2025 लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त
- दिवाली पूजन मुहूर्त: शाम 7:08 PM से 8:57 PM तक
- वृषभ लग्न काल: शाम 7:08 PM से 9:03 PM तक
- इस समय स्थिर लग्न और शुभ चौघड़िया का संयोग बन रहा है, जो पूजन के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
अमावस्या तिथि और काल
- अमावस्या आरंभ: 20 अक्टूबर, दोपहर 3:44 PM
- अमावस्या समाप्त: 21 अक्टूबर, शाम 5:54 PM
इस वर्ष अमावस्या प्रदोष काल और माहनिशीथ काल दोनों में व्याप्त है, इसलिए 20 अक्टूबर को ही दिवाली पर्व और पूजन मनाया जा रहा है।
दिनभर के प्रमुख शुभ मुहूर्त (20 अक्टूबर 2025)
| मुहूर्त | समय |
|---|
| ब्रह्म मुहूर्त | 4:44 AM – 5:34 AM |
| अभिजीत मुहूर्त | 11:43 AM – 12:28 PM |
| विजय मुहूर्त | 1:59 PM – 2:45 PM |
| गोधूलि मुहूर्त | 5:46 PM – 6:12 PM |
| निशिता मुहूर्त | 11:46 PM – 12:31 AM |
| राहुकाल | 7:50 AM – 9:15 AM |
दिवाली 2025 के शुभ चौघड़िया (20 अक्टूबर)
प्रातः काल:
- अमृत (उत्तम): 6:25 AM – 7:50 AM
- शुभ: 9:15 AM – 10:40 AM
- लाभ: 2:56 PM – 4:21 PM
सायंकाल:
- अपराह्न (चर/लाभ/अमृत): 3:44 PM – 5:46 PM
- अमृत: 4:21 PM – 5:46 PM
- चर: 5:46 PM – 7:21 PM
- लाभ: 10:31 PM – 12:06 AM (21 अक्टूबर)
महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
20 अक्टूबर की रात 11:41 PM से 12:31 AM तक महानिशीथ काल रहेगा। इस समय सिंह लग्न और चित्रा नक्षत्र का संयोग रहेगा, जो तांत्रिक साधना और विशेष पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।

दिवाली 2025 में बन रहे विशेष योग
इस वर्ष दिवाली पर कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है:
- महालक्ष्मी योग
- हंस महापुरुष राजयोग
- चंद्र-मंगल युति
- बुधादित्य योग (तुला राशि में सूर्य-बुध की युति)
इन शुभ योगों में लक्ष्मी-गणेश पूजन करने से स्थायी समृद्धि और धन वृद्धि के योग बनते हैं।
पूजन विधि और दिशा निर्देश
- प्रतिमा स्थापना: चांदी या मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश मूर्ति को स्वच्छ लाल कपड़े पर स्थापित करें।
- कलश स्थापना: जल, सुपारी, चावल और सिक्का डालें।
- दीप प्रज्वलन: एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- मंत्र जाप:
- लक्ष्मी मंत्र:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः - इसके साथ गणेश जी और लक्ष्मी जी की आरती करें।
- लक्ष्मी मंत्र:
- प्रसाद वितरण और दीपदान: पूजा के बाद पूरे परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें और घर के बाहर दीपक जलाएं।
महत्वपूर्ण प्रश्न
Q: दिवाली पूजन के लिए सबसे उत्तम लग्न कौन सा है?
उत्तर: स्थिर लग्न (विशेषकर वृषभ लग्न) को दिवाली पूजन के लिए सबसे शुभ माना गया है।

निष्कर्ष:
दिवाली 2025 में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और शुभ योग, पूजन को अत्यंत लाभकारी बना रहे हैं। निश्चित समय में विधिपूर्वक पूजन कर आप लक्ष्मी कृपा और गणेश जी के आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं।












