BH Number Plate Registration & Benefits: हर बार ट्रांसफर वालों के लिए जरूरी!

Published On: June 29, 2025
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BH Number Plate

BH Number Plate अगर आप एक ऐसी नौकरी में हैं जहां अक्सर एक राज्य से दूसरे राज्य ट्रांसफर होता रहता है, तो आपके लिए BH (भारत सीरीज) नंबर प्लेट एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सुविधा के पीछे कुछ शर्तें और कमियां भी हैं?

यहाँ हम BH नंबर से जुड़ी हर जरूरी जानकारी को सरल और सीधी भाषा में समझा रहे हैं:

🔹 BH नंबर प्लेट क्या होती है?

BH यानी भारत सीरीज नंबर प्लेट की शुरुआत भारत सरकार ने 15 सितंबर 2021 को की थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन लोगों को राहत देना था, जिन्हें बार-बार राज्य बदलना पड़ता है, जैसे:

  • सरकारी कर्मचारी (केंद्र/राज्य)
  • डिफेंस स्टाफ
  • मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारी (कम से कम 4 राज्यों में ऑफिस होने पर)

👥 BH नंबर कौन ले सकता है? (Eligibility)

  1. केंद्र/राज्य सरकार के कर्मचारी – केवल सर्विस आईडी के आधार पर पात्र
  2. डिफेंस कर्मचारी – सेना, CISF, CRPF, BSF आदि के लिए मान्य
  3. प्राइवेट कर्मचारी – उनकी कंपनी के भारत में कम से कम 4 राज्यों में कार्यालय होने चाहिए

आवेदन के समय आपको अपने नियोक्ता का अधिकृत पत्र वाहन डीलर को देना होता है।

BH नंबर प्लेट के फायदे

1. राज्य बदलने पर दोबारा रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत नहीं

सामान्य नंबर प्लेट में दूसरे राज्य में 6 महीने से अधिक गाड़ी चलाने पर नया रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है, जबकि BH नंबर में ऐसा नहीं होता।

2. टैक्स हर दो साल में देना होता है

BH सीरीज पर एकमुश्त रोड टैक्स नहीं देना पड़ता, बल्कि हर 2 साल में टैक्स जमा किया जाता है। इससे फाइनेंशियल लचीलापन मिलता है।

3. टैक्स स्लैब:

  • ₹10 लाख तक की पेट्रोल कार – 8% टैक्स
  • ₹10–20 लाख की कार – 10% टैक्स
  • ₹20 लाख से ऊपर – 12% टैक्स
  • डीज़ल गाड़ी: अतिरिक्त 2%
  • इलेक्ट्रिक वाहन: 2% टैक्स की छूट

4. वैधता:

BH नंबर की वैधता पहले 14 साल तक होती है। इसके बाद टैक्स हर साल के हिसाब से लिया जाता है।

⚠️ BH नंबर प्लेट के नुकसान

1. रीसेल वैल्यू में दिक्कत

BH नंबर वाली गाड़ी सिर्फ उसी व्यक्ति को बेची जा सकती है जो BH नंबर के लिए पात्र हो। आम लोगों को बेचना कठिन हो सकता है।

2. टैक्स देरी पर भारी जुर्माना

हर दो साल में टैक्स देना सुविधाजनक है, लेकिन अगर आप टैक्स देरी से भरते हैं, तो ₹100 प्रतिदिन का जुर्माना देना पड़ सकता है।

3. सभी राज्यों में पूरी तरह लागू नहीं

हालांकि ये केंद्रीय स्कीम है, लेकिन अभी भी कुछ राज्यों में इसका इन्फ्रास्ट्रक्चर कमजोर है, जिससे कभी-कभी प्रशासनिक अड़चनें आती हैं।

📄 BH नंबर के लिए आवेदन कैसे करें?

  1. वाहन खरीदते समय डीलर से BH नंबर के लिए रिक्वेस्ट करें
  2. पात्रता साबित करने वाले दस्तावेज़ दें (जैसे – सर्विस ID या कंपनी पत्र)
  3. डीलर पोर्टल के जरिए BH सीरीज में वाहन रजिस्टर करेगा
  4. रोड टैक्स 2 साल की वैधता के अनुसार जमा करें
  5. गाड़ी पर BH नंबर प्लेट लगवाएं और बेफिक्र होकर चलाएं

क्या BH नंबर आपके लिए सही है?

Yes: अगर आपकी नौकरी में बार-बार ट्रांसफर होता है
No: अगर आप स्थायी रूप से एक ही राज्य में रहते हैं या जल्दी गाड़ी बेचने का प्लान है

📌 निष्कर्ष:

BH नंबर प्लेट एक स्मार्ट और सुविधा जनक व्यवस्था है उन लोगों के लिए जो बार-बार ट्रांसफर होते हैं। इससे RTO के चक्कर, पेपरवर्क और फालतू खर्च से राहत मिलती है। लेकिन अगर आप समय पर टैक्स नहीं भरते या गाड़ी बेचना चाहते हैं, तो यह विकल्प आपके लिए बोझ भी बन सकता है।

👉 BH नंबर लेने से पहले अपनी जरूरत और जीवनशैली का सही आकलन करें।

sapan singh

Sapan Singh is the founder of bluelog.in, where he combines his passion for web development with his love for sharing knowledge. With a strong academic background in BCA and MCA, Sapan specializes in creating dynamic, user-friendly websites and applications that cater to the unique needs of clients and their audiences. Beyond development, Sapan is dedicated to staying ahead of the curve by constantly learning new technologies and trends. As a blogger, he shares his insights and experiences, helping others navigate the ever-evolving world of web development. His journey is one of continuous innovation, learning, and contributing to the tech community

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