बहन का भाई की संपत्ति पर अधिकार तय: जानें कानून, प्रक्रिया और हिस्सा कितना मिलेगा | Sister Rights In Brothers Property 2025

Published On: June 26, 2025
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Sister Rights in Brother's Property 2025

Sister Rights In Brothers Property – कई बार जब किसी घर में भाई की मृत्यु हो जाती है या संपत्ति के बंटवारे की बात आती है, तो सबसे पहले ये सवाल उठता है – “क्या बहन को भी भाई की प्रॉपर्टी में हक मिल सकता है?” पुराने समय में तो लोगों की सोच यही थी कि संपत्ति सिर्फ बेटों की होती है, लेकिन अब समय बदल चुका है। अब कानून भी बदल चुका है और समाज की सोच भी।

अगर आप या आपके परिवार में भी ऐसे किसी मामले को लेकर उलझन है, तो आज हम आपको बताएंगे कि कब और कैसे बहन को भाई की संपत्ति में हक मिलता है, और किन मामलों में नहीं मिलता। साथ ही जानेंगे कि अगर बहन को उसका हिस्सा नहीं मिल रहा है तो वो क्या कदम उठा सकती है।

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 और 2005 का संशोधन क्या कहता है?

भारत में अगर कोई व्यक्ति हिंदू है और बिना वसीयत (Will) के मरता है, तो उसकी संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के मुताबिक होता है। 2005 में इस कानून में एक बड़ा बदलाव किया गया, जिससे बेटियों को भी बेटों के बराबर अधिकार मिल गया।

इस कानून में उत्तराधिकारी दो श्रेणियों में आते हैं – Class I और Class II।

  • Class I में पत्नी, बेटा, बेटी और मां आते हैं।
  • Class II में बहन, भाई, दादी, चाचा, भतीजा वगैरह आते हैं।

लेकिन खास बात यह है कि अगर पैतृक संपत्ति है तो उसमें बेटी और बहन दोनों को बराबर का हक मिल जाता है, भले ही वो शादीशुदा हो या नहीं।

कब-कब बहन को भाई की संपत्ति में हक मिलता है?

  1. अगर भाई अविवाहित हो और वसीयत न छोड़ी हो
    ऐसे में भाई की संपत्ति उसके माता-पिता, भाई और बहनों में बराबर बांटी जाती है।
  2. अगर भाई की शादी हुई है लेकिन संतान नहीं है
    पत्नी के साथ-साथ भाई-बहनों को भी हिस्सा मिल सकता है।
  3. अगर भाई ने वसीयत नहीं बनाई हो
    ऐसे में संपत्ति कानून के तहत बंटेगी और बहन को भी हिस्सा मिलेगा।
  4. अगर संपत्ति पुश्तैनी हो
    तो बेटी और बेटा दोनों को बराबर का हक मिलेगा – चाहे भाई जिंदा हो या न हो।

2020 का सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

2020 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि पैतृक संपत्ति पर बेटियों को बेटों के बराबर हक मिलेगा, चाहे पिता की मृत्यु 2005 से पहले हुई हो या बाद में। इस फैसले ने बेटियों और बहनों के अधिकारों को और मजबूत बना दिया।

कौन से दस्तावेज चाहिए होंगे बहन को?

अगर बहन भाई की संपत्ति पर दावा करना चाहती है, तो उसे कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ जुटाने होंगे:

  • भाई का मृत्यु प्रमाण पत्र
  • परिवार का विवरण (Family Tree)
  • जमीन या प्रॉपर्टी के दस्तावेज
  • कोई वसीयत हो तो उसकी प्रति
  • पहचान पत्र (Aadhaar, PAN)
  • कोर्ट में केस करने के लिए वकील की मदद

किन परिस्थितियों में बहन को हिस्सा नहीं मिलता?

  • अगर भाई ने वसीयत में सिर्फ पत्नी और बच्चों का नाम लिखा है और संपत्ति उसकी स्वअर्जित है।
  • अगर संपत्ति किसी को गिफ्ट कर दी गई है।
  • अगर संपत्ति पत्नी के नाम ट्रांसफर हो गई है।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि स्वअर्जित संपत्ति पर वसीयत लागू होती है, लेकिन पैतृक संपत्ति पर कानून का अधिकार चलता है।

शादीशुदा बहन को क्या हक है?

यह सबसे बड़ा भ्रम है कि शादी के बाद बहन को भाई या पिता की संपत्ति में हक नहीं होता। लेकिन कानून कहता है कि शादीशुदा हो या अविवाहित – हर बहन को पिता की पैतृक संपत्ति में बराबर का हक है। भाई की संपत्ति में भी अगर वो उत्तराधिकारी की श्रेणी में आती है, तो हकदार है।

प्रॉपर्टी में बहन का हिस्सा कितना होगा?

अगर भाई की मृत्यु बिना वसीयत के हुई है और बहन Class-II उत्तराधिकारी है, तो:

  • जितने भी उत्तराधिकारी होंगे, संपत्ति सबमें बराबर बांटी जाएगी।
  • अगर किसी बहन की मृत्यु हो चुकी है लेकिन उसकी संतान है, तो वो हिस्सा उसकी संतान को मिलेगा।

क्या बहन कोर्ट में केस कर सकती है?

बिलकुल कर सकती है। अगर बहन को उसका हिस्सा नहीं दिया जा रहा है, तो वो सिविल कोर्ट में केस दायर कर सकती है। बशर्ते उसके पास सभी दस्तावेज हों और वो कानूनी रूप से उत्तराधिकारी हो।

समय बदल चुका है और अब कानून भी महिलाओं को उनका हक देने के लिए काफी मजबूत हो चुका है। बहनें अब केवल परिवार का हिस्सा नहीं, बल्कि कानूनी रूप से बराबर की हिस्सेदार भी हैं। चाहे मामला पिता की पैतृक संपत्ति का हो या भाई की संपत्ति का, अगर बहन को नाजायज़ रूप से हक से वंचित किया गया है, तो वो कानून की मदद से अपना हक पा सकती है।

जरूरत है कि हर महिला अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो और समय पर कानूनी सलाह ले। संपत्ति पर अधिकार केवल बेटे का नहीं, बहन का भी बराबर है – और यह बात अब कानून भी कहता है।

sapan singh

Sapan Singh is the founder of bluelog.in, where he combines his passion for web development with his love for sharing knowledge. With a strong academic background in BCA and MCA, Sapan specializes in creating dynamic, user-friendly websites and applications that cater to the unique needs of clients and their audiences. Beyond development, Sapan is dedicated to staying ahead of the curve by constantly learning new technologies and trends. As a blogger, he shares his insights and experiences, helping others navigate the ever-evolving world of web development. His journey is one of continuous innovation, learning, and contributing to the tech community

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