Stock Market में उछाल या भूचाल? भारत-अमेरिका ट्रेड डील की चमक के पीछे छिपा ट्रम्प का टैरिफ संकट

Published On: July 27, 2025
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पिछले सप्ताह भारतीय Stock Market में जबरदस्त गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा। Nifty 50 करीब 400 अंकों तक लुढ़ककर 24,900 से नीचे बंद हुआ, जो कि इसके 50-Day Exponential Moving Average (DEMA) सपोर्ट से भी नीचे है। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है भारत और अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील को लेकर फैली अनिश्चितता और डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी

ट्रेड डील की उम्मीद, लेकिन साथ में छिपा खतरा

शुरुआत में जब भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की खबरें आईं, तो बाजार में उत्साह नजर आया। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह जोश ज्यादा देर टिकने वाला नहीं है।
शेयर बाजार विश्लेषक अविनाश गोरक्षकर के अनुसार, अगर यह डील भारतीय आईटी, फार्मा और टेक्सटाइल सेक्टर्स के हितों की रक्षा नहीं करती, तो बाजार में और बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।

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🇺🇸 ट्रम्प के टैरिफ का असली असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उच्च टैरिफ नीति ग्लोबल ट्रेड के लिए चिंता का बड़ा कारण बनी हुई है। फिलहाल अमेरिका का औसत टैरिफ करीब 2.5% है, लेकिन यह 15% से 20% तक बढ़ सकता है, जो 1930 के दशक के बाद सबसे ऊंचा स्तर होगा।

इसका सीधा मतलब है कि भले ही भारत-अमेरिका व्यापार समझौता हो जाए, लेकिन भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में प्रवेश आसान नहीं होगा

🇮🇳 भारत को इस डील से क्या मिलेगा?

जानकारों का मानना है कि अगर भारत को अमेरिकी बाजार में 15% के आसपास टैरिफ रियायत मिलती है, तो यह मौजूदा ग्लोबल ट्रेड स्थितियों में एक संतुलित और लाभदायक सौदा हो सकता है।
बता दें कि अमेरिका पहले ही इंडोनेशिया और वियतनाम पर क्रमशः 19% और 20% टैरिफ लागू कर चुका है। ऐसे में भारत को इससे कम टैरिफ मिलना कूटनीतिक और आर्थिक सफलता मानी जा सकती है।

आशा और सतर्कता दोनों जरूरी

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16वीं वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगड़िया का मानना है कि यह व्यापार समझौता भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बना सकता है। अगर यह डील सफल रही, तो भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच व्यापार समझौते की राह भी आसान हो सकती है, जिससे भारत को दो सबसे बड़े वैश्विक बाज़ारों तक पहुंच मिल जाएगी।

हालांकि, यह तभी मुमकिन है जब भारत अमेरिकी टैरिफ की हकीकत को समझे और रणनीतिक रूप से तैयारी करे

निष्कर्ष: बाजार में संभावनाएं भी हैं, और जोखिम भी

भारत-अमेरिका व्यापार डील को लेकर बाजार में मिश्रित संकेत हैं। एक ओर यह डील इंवेस्टमेंट और ग्लोबल पोजिशनिंग में भारत की भूमिका को मज़बूत कर सकती है, तो वहीं ट्रम्प की टैरिफ नीति इस रास्ते में बड़ा रोड़ा साबित हो सकती है।
निवेशकों के लिए जरूरी है कि वे सतर्क रहें, बाजार के रुझानों पर नजर रखें और कोई भी फैसला सोच-समझकर लें।

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें व्यक्त किए गए विचार निवेश सलाह नहीं हैं। शेयर बाजार में निवेश जोखिमपूर्ण होता है। कृपया निवेश से पहले किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

sapan singh

Sapan Singh is the founder of bluelog.in, where he combines his passion for web development with his love for sharing knowledge. With a strong academic background in BCA and MCA, Sapan specializes in creating dynamic, user-friendly websites and applications that cater to the unique needs of clients and their audiences. Beyond development, Sapan is dedicated to staying ahead of the curve by constantly learning new technologies and trends. As a blogger, he shares his insights and experiences, helping others navigate the ever-evolving world of web development. His journey is one of continuous innovation, learning, and contributing to the tech community

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