Will Ownership Rules 2025 – भारत में संपत्ति से जुड़े विवाद आम बात हैं, खासकर तब जब माता-पिता की वसीयत में किसी एक वारिस को ज़्यादा संपत्ति मिलती है और दूसरों को बहुत कम या कुछ भी नहीं। ऐसे में सवाल उठता है – क्या यह कानूनी है? और अगर किसी को जानबूझकर वंचित किया गया है, तो वह अपने अधिकार के लिए क्या कर सकता है?
इस लेख में हम बताएंगे कि वसीयत (Will) क्या होती है, उसे रद्द कैसे किया जा सकता है, और कानून में आपके अधिकार क्या हैं।
वसीयत क्या है?
वसीयत एक कानूनी दस्तावेज होता है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपनी संपत्ति के बंटवारे का निर्णय मृत्यु से पहले कर सकता है। वह यह तय करता है कि उसकी संपत्ति किसको, कितनी और किस प्रकार दी जाए।
हालांकि, अगर वसीयत धोखे, दबाव, मानसिक अस्थिरता या गलत मंशा से तैयार की गई है, तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
क्या सभी बच्चों को वसीयत में बराबर हिस्सा मिलना जरूरी है?
भारतीय कानून किसी व्यक्ति को यह अधिकार देता है कि वह अपनी संपत्ति जिसे चाहे उसे दे। लेकिन अगर वसीयत किसी अनुचित परिस्थिति में बनाई गई हो, तो उसे कानूनी रूप से रद्द किया जा सकता है।
किन कारणों से वसीयत को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है?
- वसीयत दबाव में लिखवाई गई हो
- वसीयतकर्ता मानसिक रूप से अस्थिर हो
- दस्तावेज धोखाधड़ी से तैयार किया गया हो
- गवाहों की अनुपस्थिति में वसीयत बनाई गई हो
- किसी एक वारिस को जानबूझकर संपत्ति से वंचित किया गया हो
अगर इनमें से कोई भी कारण साबित हो जाता है, तो कोर्ट वसीयत को अमान्य घोषित कर सकता है।
वसीयत को रद्द करवाने की प्रक्रिया
अगर आपको वसीयत में गलत तरीके से वंचित किया गया है, तो नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:
1. सिविल कोर्ट में याचिका दायर करें
एक अनुभवी वकील के माध्यम से कोर्ट में वसीयत को चुनौती देने के लिए केस फाइल करें।
2. आवश्यक साक्ष्य एकत्र करें
- मानसिक स्थिति का मेडिकल रिकॉर्ड
- गवाहों के बयान
- ऑडियो/वीडियो प्रूफ
- वसीयत की प्रतिलिपि आदि
3. गवाहों को कोर्ट में पेश करें
अगर गवाहों के बयान वसीयत के खिलाफ जाते हैं, तो मामला मजबूत होता है।
4. कानूनी सलाह लें
संपत्ति कानूनों के विशेषज्ञ वकील की मदद से केस की तैयारी करें।
🧾 कोर्ट किन मामलों में वसीयत को अमान्य घोषित करता है?
- बुजुर्ग से जबरदस्ती वसीयत लिखवाना
- मानसिक रोगी से दस्तावेज बनवाना
- नकली गवाहों की सहायता लेना
- जानबूझकर किसी उत्तराधिकारी को पूरी तरह वंचित करना
धर्म के अनुसार वसीयत के नियम
हिंदू उत्तराधिकार कानून:
यदि वसीयत नहीं होती है, तो संपत्ति सभी कानूनी वारिसों में बराबर बांटी जाती है।
मुस्लिम उत्तराधिकार कानून:
मुस्लिम व्यक्ति सिर्फ 1/3 संपत्ति की वसीयत कर सकता है। शेष 2/3 हिस्सा शरीयत के नियमों के अनुसार बंटता है।
वसीयत को चैलेंज करने की समय सीमा
वसीयत को चुनौती देने की कोई सीमित समय सीमा नहीं होती, लेकिन बेहतर होता है कि आप इसे वसीयत के प्रोबेट (प्रमाणीकरण) के समय ही चुनौती दें।
अगर वसीयत रद्द हो जाए तो संपत्ति कैसे बंटेगी?
वसीयत को अगर कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया जाता है, तो संपत्ति उत्तराधिकार कानून के अनुसार सभी कानूनी वारिसों में समान रूप से बांटी जाएगी।
निष्कर्ष:
अगर आपको लगता है कि आपके साथ वसीयत में अन्याय हुआ है, तो घबराएं नहीं। भारतीय कानून में आपके पास अधिकार है कि आप अदालत में अपना दावा पेश करें और न्याय पाएं। इसके लिए सही कानूनी सलाह, सटीक दस्तावेज़ और धैर्य की आवश्यकता होगी।
याद रखें – वसीयत अंतिम नहीं होती। अगर वह गलत, अनुचित या धोखे से बनाई गई है, तो आप उसे रद्द करवा सकते हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ सकते हैं।