बिना किसी की मंजूरी के बेच सकते हैं संपत्ति – सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक आदेश Sell Property Without Permission

Published On: July 3, 2025
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Sell Property Without Permission

Sell Property Without Permission – अगर आपके परिवार में भी ज़मीन-जायदाद को लेकर कोई उलझन चल रही है, या आप सोच रहे हैं कि बिना सबकी सहमति के संपत्ति बेची जा सकती है या नहीं, तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की है। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल का बहुत ही साफ और सीधा जवाब सिर्फ दो लाइन में दे दिया है। अब किसी को भ्रम में रहने की ज़रूरत नहीं।

संपत्ति के झगड़े भारत में आम बात हैं, खासकर जब बात पैतृक संपत्ति की आती है। भाई-बहनों के बीच विवाद, कोर्ट-कचहरी के चक्कर और सालों तक खिंचने वाले केस – ये सब किसी से छुपे नहीं हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वो काफी कुछ साफ कर देता है।

पहले समझिए, संपत्ति कितने प्रकार की होती है

भारत में संपत्ति को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है:

  1. स्व अर्जित संपत्ति – यानी जो संपत्ति आपने खुद की मेहनत, नौकरी, व्यापार या निवेश से खरीदी है। इसमें किसी और का कोई दावा नहीं होता जब तक आप खुद न चाहें।
  2. पैतृक संपत्ति – ये वो संपत्ति होती है जो चार पीढ़ियों से बिना बंटवारे के परिवार में चलती आ रही हो। इसमें सभी कानूनी वारिसों का समान अधिकार होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? बस दो लाइन में सब कुछ साफ कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा:

अगर संपत्ति स्व अर्जित है, तो उसका मालिक उसे किसी की अनुमति के बिना बेच सकता है। न पत्नी की ज़रूरत, न बच्चों की, न ही किसी और की। लेकिन अगर संपत्ति पैतृक है, तो उसे बेचने के लिए सभी कानूनी वारिसों की सहमति अनिवार्य है। इससे साफ हो गया कि आपकी खुद की कमाई की संपत्ति को लेकर आप स्वतंत्र हैं, लेकिन पुश्तैनी ज़मीन या मकान को लेकर मनमानी नहीं कर सकते।

स्व अर्जित संपत्ति: आपकी मेहनत, आपका हक

अगर आपने अपनी नौकरी या बिजनेस से ज़मीन खरीदी है या मकान बनवाया है, तो:

  • आप उसके मालिक हैं
  • आप उसे बेच सकते हैं, दान कर सकते हैं या किराए पर दे सकते हैं
  • इसमें आपको किसी और से पूछने की ज़रूरत नहीं होती

यह संपत्ति पूरी तरह से आपकी मानी जाती है और इसका अधिकार किसी और को अपने आप नहीं मिलता।

पैतृक संपत्ति: यहां सबका बराबर का हक

अब बात करते हैं पैतृक संपत्ति की। इसमें:

  • सभी कानूनी वारिसों का समान अधिकार होता है
  • कोई भी अकेले इसे न बेच सकता है, न दान कर सकता है
  • अगर किसी ने ऐसा कर लिया है, तो वह रजिस्ट्री कोर्ट में रद्द कराई जा सकती है
  • इसके लिए या तो सभी की लिखित सहमति चाहिए या फिर कोर्ट का आदेश

कौन होते हैं कानूनी वारिस

अगर कोई पैतृक संपत्ति है, तो उस पर अधिकार रखने वाले वारिस होते हैं:

  • बेटा और बेटी दोनों
  • पत्नी
  • माता-पिता (कुछ मामलों में)
  • पोते-पोतियां (अगर बेटा जीवित न हो)

यानि एक परिवार के कई सदस्य उस संपत्ति में हिस्सेदार होते हैं।

क्या कोई पैतृक संपत्ति को दान कर सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि:

  • पैतृक संपत्ति को कोई भी सदस्य अकेले दान नहीं कर सकता
  • इसके लिए भी सभी हिस्सेदारों की सहमति जरूरी है
  • जबकि स्व अर्जित संपत्ति को कोई भी किसी को भी दान कर सकता है, बिना किसी की इजाजत के

अगर कोई बिना पूछे पैतृक संपत्ति बेच दे तो क्या करें

ऐसे मामलों में कानूनी रास्ता खुला होता है:

  • आप सिविल कोर्ट में केस फाइल कर सकते हैं
  • रजिस्ट्री को चैलेंज कर सकते हैं
  • धोखाधड़ी का मामला दर्ज करा सकते हैं
  • सेल डीड को रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं

इन दस्तावेजों को हमेशा संभाल कर रखें

अगर आप किसी पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हैं, तो कुछ जरूरी दस्तावेजों का ध्यान रखें: पुरानी खतौनी और खसरा की कॉपी। फैमिली ट्री यानी वंशावली।कोर्ट के आदेश या पुरानी रजिस्ट्री की कॉपी।जमीन के मालिकाना हक से जुड़े पुराने कागज़।

स्व अर्जित संपत्ति बेचते वक्त ध्यान देने वाली बातें

अगर आप अपनी खुद की कमाई से खरीदी गई संपत्ति बेच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

सेल डीड पूरी तरह से कानूनी हो। कोई कोर्ट केस उस संपत्ति पर न चल रहा हो।म्यूटेशन यानी नामांतरण सही तरीके से करा लिया हो। फर्जी दस्तावेजों से सावधान रहें।

अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि

आपकी खुद की कमाई की संपत्ति पर आपका हक पूरा है और आप उसे बिना किसी की इजाजत के बेच सकते हैं। लेकिन जब बात पैतृक संपत्ति की आती है, तो अकेले कुछ भी तय नहीं कर सकते। उसमें हर कानूनी वारिस का बराबरी से हक होता है।

इस फैसले से संपत्ति को लेकर होने वाले झगड़ों में काफी हद तक कमी आ सकती है। अगर आप भी ऐसी किसी स्थिति में हैं, तो यह जरूरी है कि आपको अपने अधिकारों और कानून की जानकारी हो। तभी आप सही फैसला ले पाएंगे और किसी तरह की धोखाधड़ी से बच पाएंगे।

sapan singh

Sapan Singh is the founder of bluelog.in, where he combines his passion for web development with his love for sharing knowledge. With a strong academic background in BCA and MCA, Sapan specializes in creating dynamic, user-friendly websites and applications that cater to the unique needs of clients and their audiences. Beyond development, Sapan is dedicated to staying ahead of the curve by constantly learning new technologies and trends. As a blogger, he shares his insights and experiences, helping others navigate the ever-evolving world of web development. His journey is one of continuous innovation, learning, and contributing to the tech community

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